दोस्तों आज आप इस आर्टिकल के माध्यम से हम सबके चहेते बिस्कुट कंपनी पारले जी से जुड़ी कुछ रोचक बाते और पारले जी कंपनी का मालिक कौन है? (parle g company owner) कंपनी के इतिहास और यह किस देश की कंपनी है आदि जैसे कई महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर आप को इस एक ही आर्टिकल के माध्यम से प्राप्त होने वाले हैं।

वर्तमान समय में शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा जिन्होंने परले कंपनी का नाम या फिर इस कंपनी का कोई प्रोडक्ट ना खाए होंगे आज हम सब की पहली पसंद parle-g बन चुकी है भारत में पारले के अनेकों अलग-अलग प्रोडक्ट है जो सालो से लोगों के दिलों पर राज करती आ रही है। बच्चे हो या बूढ़े आमिर हो या गरीब हर किसी की पसंद पारले जी बन चुकी है।
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सुबह चाय के संग बिस्किट खाना हो या फैमिली के साथ बैठकर नमकीन का स्वाद लेना हो हर मामले में पारले जी ही प्रथम स्थान पर आता है और लोग इस कंपनी का प्रोडक्ट खाना भी पसंद करते हैं। यही कारण है कि आज के समय में पारले जी भारत के बड़े कंपनियों में गिनी जाती है। पर क्या आपको पता है कि इस कंपनी की शुरुआत कब हुई थी इस कंपनी का मालिक कौन है और यह किस देश की कंपनी है तो चलिए इसके बारे में विस्तार रूप से जानते हैं
पारले जी कंपनी का मालिक कौन है? (Parle G Ka Malik Kaun Hai)
Parle Company Ka Malik Kaun Hai -बता दूं कि पारले जी कंपनी का मालिक मोहनलाल दयाल चौहान (Mohanlal Dayal Chauhan) हैं। इस कंपनी की शुरुआत 1929 में मुंबई के विले पार्ले में सिर्फ 12 लोगों के साथ शुरुआत की गई थी जिनमेंसे सभी 12 लोग मोहनलाल दयाल चौहान के रिस्तेदार ही थे। पर इन सब ने दिन-रात की मेहनत से कंपनी को इस मुकाम पर ले आया कि आज पूरे देश में इनका नाम है।
बता दू कि कंपनी का शुरुआत 1929 में हुआ था जिस समय हमारे देश भारत पर अंग्रेजों का शासन था उस समय मोहन लाल दयाल चौहान ने इस कंपनी की स्थापना की और कंपनी को वहां से यहां तक लाने में इनका बड़ा योगदान रहा है। पारले कंपनी अपने शुरुआती समय में कैंडी बनाने का ही काम करती थी बाद में कंपनी ने मुनाफा कमाया और करीब 10 सलोके बाद 1936 में कंपनी ने बिस्किट का भी उत्पादन करना शुरू कर दी जो कम कीमतों में अच्छी और स्वादिष्ट हुआ करती थी जिसके कारण यह कंपनी काफी जल्दी प्रसिद्ध होने लगी थी।
बता दूं कि पारले कंपनी का सबसे प्रसिद्ध बिस्किट पारले जी को 1980 तक Parle Gluco के नाम से जाना जाता था। लेकिन इसे बाद में बदलकर पारले जी का नाम दे दिया गया आपको जानकर हैरानी होगी कि 2003 तक पारले जी बिस्कुट दुनिया भर में सबसे ज्यादा बिकने वाला बिस्कुट बन गया था और आज भी इस डिस्किट की बिक्री ना सिर्फ भारत बल्कि दुनिया में काफी अधिक है। आज के डेट में पारले जी हर साल करीब 100 करोड़ बिस्किट का उत्पाद करती है।
Parle-G का इतिहास
Parle G company ka Itihaas -पारले जी कंपनी कोई आज का कंपनी नहीं है इस कंपनी की नीव सन 1929 में अंग्रेजों के समय में ही रखा गया था और इस कंपनी के संस्थापक मोहनलाल दयाल चौहान हैं, बता दे कि पारले जी कंपनी अपने शुरुआती दिनों में कैंडी तक ही सीमित थी यह कंपनी सस्ते दामों पर गरीबों के लिए कैंडी बनाने का काम करती थी बाद में कंपनी ने मुनाफा कमाया और देखते ही देखते बिस्किट नमकीन आदि जैसे एग्रो प्रोडक्ट आज पार्ले कंपनी बनाती है। पर इन सब का सारा स्रेह मोहनलाल दयाल चौहान को ही जाता है जिन्होंने उस समय भारत के गरीब लोगों के लिए सोचा जिस समय अंग्रेजों का शासन हमारे देश भारत पर चलता था
मोहन लाल दयाल चौहान ने 1929 में जर्मनी जाकर वहां कैंडी बनाने का काम सीखा और ₹60,000 की लागत से इन्होंने जर्मनी से कैंडी बनाने का मशीन अपने साथ लेकर आए बाद में मुंबई में बिरला परला मैं स्थित पुरानी फैक्ट्री को खरीद कर 12 कर्मचारियों के साथ उन्होंने पार्ले कंपनी की शुरुआत की शुरुआती समय में कंपनी सिर्फ कैंडी बनाने का काम कर रही थी जिसमें कंपनी को अच्छा फायदा हुआ जिसके बाद कंपनी बिस्किट नमकीन जैसे प्रोडक्ट बनानी शुरू कर दी उस समय यह भारत की एकमात्र कंपनी थी जो सस्ते दामों पर कैंडी बिस्किट आदि जैसे प्रोडक्ट बना रही थी
Parle-g किस देश की कंपनी है
Parle G Kis Desh ki company hai– बता दे पारले जी भारत की प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है यह कंपनी अपने बिस्किट के चलते ही पूरे विश्व में प्रसिद्ध है पार्ले कंपनी की स्थापना मोहनलाल दयाल चौहान ने सन 1929 में किया था तब से लेकर आज तक यह कंपनी बिस्किट तथा खाने-पीने के अन्य प्रोडक्ट के मामले में दुनिया भर में प्रसिद्ध है बता दू पारले कंपनी सबसे पहले टॉफी बनाती थी बादमे कंपनी ने मुनाफा कमाया और 1938 परले कंपनी ने अपनी पहली बस्किट बनाई जिसका नाम पारले-ग्लूको रखा गया जिसे आज हम परले जी के नाम से जानते हैं।
बिस्किट बनाने के बाद से ही कंपनी ने ना सिर्फ भारत बल्कि दुनिया के अलग-अलग देशों में अपना कब्जा जमाना शुरू कर दिया। आज के समय में बिस्किट कैंडी के साथ-साथ पारले कई प्रकार के खाने पीने का प्रोडक्ट निर्माण कर रही है जो की भारत समेत कई ऐसे देश है जहां परले कंपनी की बिस्किट तथा अन्य प्रोडक्ट लोग इस्तेमाल करते हैं।
Parle G कंपनी की स्थापना कब हुई थी?
Parle G ki sthapna kab Hui– इस कंपनी की शुरुआत हमारे देश की आजादी से भी पहले सन 1929 में हुई थी यह कंपनी सबसे पहले नारंगी टॉफी बनाती थी मोहनलाल दयाल चौहान की दिन-रात की मेहनत से इस कंपनी ने 1938 में पहली बार पारले ग्लूको बिस्किट बनाना शुरू किया था जानकारी के लिए बता दूं 1980 के दशक तक इस बिस्कुट का नाम पारले-ग्लूको ही था
Parle G कंपनी का मुख्यालय कहां है?
इस कंपनी का मुख्यालय खांडेकर मार्ग,विले पार्ले ईस्ट,मुंबई महाराष्ट्र में है
Parle G कंपनी का CEO कौन है?
वर्तमान समय में Parle G कंपनी के CEO विजय चौहान है क्योंकि इस कंपनी को जो परिवार चलाता है उस परिवार के मुखिया हैं विजय चौहान
अंतिम दो शब्द-
अब आप अच्छी तरीके से जान चुके होंगे पारले जी कंपनी का मालिक कौन है (Parle G Ka Malik Kaun Hai) और Parle G किस देश की कंपनी है मैंने जितना हो सके पारले जी कंपनी से जुड़ी सभी छोटी-बड़ी जानकारी एक ही लेख के माध्यम से आप लोगों को बताने की कोशिश की है और मैं उम्मीद करता हूं कि आपको हमारे लेख को पढ़ने के बाद पारले जी कंपनी से जुड़ी सभी सवालों के जवाब प्राप्त हो चुकी होगी इसी के साथ हमारा यह लेख यहीं पर समाप्त होता है मैं उम्मीद करता हूं कि आपको हमारा लेख पसंद आया हो
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